मुंबई : रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान सदैव यात्रियों की जान, माल की सुरक्षा में तत्पर रहते हैं वें न केवल रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे निगरानी रखते हैं, बल्कि ड्यूटी पर तैनात रेलवे कर्मचारियों की मदद से रेलवे यात्रियों की जान भी बचाते हैं.
मध्य रेल, आरपीएफ कर्मियों ने, “मिशन जीवन रक्षक” के एक भाग के रूप में, अप्रैल 2023 से नवंबर 2023 तक मध्य रेल पर अब तक 44 लोगों की जान बचाई है, कभी-कभी तो अपनी जान जोखिम में डालकर भी उन्होंने इस कार्य को अंजाम दिया है. इन जीवनरक्षक घटनाओं के कुछ दृश्य प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बहुत लोकप्रिय हो गए हैं और सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं.
इन 44 घटनाओं में से जान बचाने वाली घटनाओं के 21 मामले अकेले मुंबई मंडल पर दर्ज किये गये. भुसावल मंडल पर जीवनरक्षक घटनाओं के 15 मामले, पुणे मंडल पर जीवनरक्षक घटनाओं के 4 मामले, नागपुर मंडल पर 2 मामले और सोलापुर मंडल पर जीवनरक्षक घटनाओं के 2 मामले दर्ज किए गए हैं.
रेलवे सुरक्षा बल के इन जवानों को विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे यात्रियों और रेलवे संपत्तियों के खिलाफ अपराध, चरमपंथी हिंसा, ट्रेनों की आवाजाही में बाधा डालना, लापता बच्चों को बचाना और ट्रेनों और रेलवे परिसरों में नशीले पदार्थों को जब्त करना, यात्रियों का सामान बरामद करना आदि. वे यात्रियों की सुरक्षा पर कड़ी नजर रखते हैं.
अधिकांश मामलों में सतर्क आरपीएफ ने उन यात्रियों की जान बचाई है, जो कभी-कभी लापरवाही बरतते हैं और चलती ट्रेनों में चढ़ते या उतरते समय खतरे का सामना करते हैं. कई बार विभिन्न व्यक्तिगत कारणों से आत्महत्या का प्रयास करते समय लोगों की जान बचाई गई है. लेकिन अंत में, जीवनरक्षकों के इस कार्य के परिणामस्वरूप आरपीएफ कर्मियों के प्रति लोगों के द्वारा व्यक्त किए गए शब्दों से परे खुशी और कृतज्ञता प्रकट होती है.
मध्य रेल यात्रियों से अपील करता है कि वे चलती ट्रेन में चढ़ते या उतरते समय अपनी जान जोखिम में न डालें. कृपया ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से पहले स्टेशन पर पहुंचें.