यूनेस्को ने भारत के चार नए स्थलों को विश्व धरोहर सूची में स्थान दिया है। इन स्थलों का ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत विशेष माना जा रहा है।
भारत के 7 स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर अस्थायी सूची में स्थान
पेरिस स्थित यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल ने घोषणा की है कि भारत के 7 प्राकृतिक स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सम्मेलन की अस्थायी सूची (Tentative List) में शामिल किया गया है।
ये 7 स्थल प्राकृतिक श्रेणी में शामिल किए गए हैं –
- डेक्कन ट्रैप्स, पंचगनी व महाबलेश्वर (महाराष्ट्र)
- सेंट मेरी आइलैंड क्लस्टर की भूवैज्ञानिक धरोहर (उडुपी, कर्नाटक)
- मेघालयन ऐज गुफाएँ (ईस्ट खासी हिल्स, मेघालय)
- नागा हिल ओफियोलाइट (किफाइरे, नागालैंड)
- एरा मट्टी डिब्बालु की प्राकृतिक धरोहर (विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश)
- तिरुमाला हिल्स की प्राकृतिक धरोहर (तिरुपति, आंध्र प्रदेश)
- वर्कला की प्राकृतिक धरोहर (केरल)
इन स्थलों के शामिल होने के बाद भारत के कुल 69 स्थल अब यूनेस्को की अस्थायी सूची में आ गए हैं, जिनमें 49 सांस्कृतिक श्रेणी, 3 मिश्रित श्रेणी और 17 प्राकृतिक श्रेणी के हैं।
इन स्थलों का चयन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक व प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण और संवर्धन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अस्थायी सूची में शामिल होना किसी भी धरोहर स्थल के विश्व धरोहर सूची में अंतिम रूप से शामिल होने से पहले अनिवार्य प्रक्रिया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के परिश्रमपूर्ण कार्य के लिए धन्यवाद दिया गया है।
इन स्थलों के शामिल होने से भारत की वैश्विक धरोहर सूची में और विस्तार हुआ है तथा देश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है।





