कोलकाता : साल्टलेक सांस्कृतिक संसद और सन्मार्ग द्वारा साल्टलेक के सेंट्रल पार्क में पूर्वी भारत के सबसे भव्य दशहरे के अवसर पर सिटी ऑफ जॉय के शहर कोलकाता में बुराई पर अच्छाई की शाश्वत विजय का एक शानदार उत्सव मनाया गया।
इस जीवंत उत्सव के 13वें संस्करण में 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं और आगंतुकों की जय-जयकार के बीच 60 फुट ऊँचे रावण के पुतले के साथ-साथ 50 फुट ऊँचे मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का भव्य दहन किया गया। इस समारोह ने नागरिकों के बीच कोलकाता की समृद्ध सांस्कृतिक भावना को खत्म करने और बुराई पर धर्म की विजय के शाश्वत संदेश को कायम रखने का एक जीवंत मंच प्रदान किया।
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले सम्मानीय अतिथियों में सुजीत बोस (अग्निशमन राज्य मंत्री), कृष्णा चक्रवर्ती (बिधाननगर के मेयर), मुकेश कुमार (पुलिस आयुक्त, बिधाननगर), मुकेश छाबड़ा (भारतीय कास्टिंग निर्देशक और फिल्म निर्माता), पायल मुखर्जी (टॉलीवुड अभिनेत्री), संदीप भट्टाचार्य (टॉलीवुड अभिनेता), प्रदीप तोदी (साल्टलेक सांस्कृतिक संसद के आईपीपी), ललित बेरीवाला (साल्टलेक सांस्कृतिक संसद के ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष), अमित पोद्दार (सचिव, साल्टलेक सांस्कृतिक संसद), अशोक तोदी (लक्स कोज़ी के प्रबंध निदेशक) के साथ समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियाँ इसमें शामिल हुए।
मीडिया से बात करते हुए साल्टलेक सांस्कृतिक संसद के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा, हमारा मिशन हमेशा से भक्ति को सामुदायिक सेवा के साथ जोड़ना रहा है। इस उत्सव के माध्यम से, हम दशहरा की भावना का सम्मान करते हैं और सा थ ही इस मंच का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और वंचितों के लिए धर्मार्थ कार्यक्रमों सहित सामाजिक पहलों को बढ़ावा देने के लिए भी करते हैं। यह केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, एकता और करुणा का प्रतीक भी है।
इस अवसर पर साल्टलेक सांस्कृतिक संसद के ट्रस्टी बोर्ड के अध्यक्ष ललित बेरीवाला ने कहा, इस वर्ष के दशहरे ने एक बार फिर सामूहिक उत्सव की शक्ति में हमारे विश्वास की पुष्टि की है। सेंट्रल पार्क में रावण दहन देखने के लिए हजारों लोगों का एक साथ आना केवल एक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह एक एकीकृत अनुभव है, जो समुदायों को आस्था और संस्कृति से जोड़ता है। 60 फुट ऊँचे रावण के पुतले के प्रतीकात्मक दहन के साथ, हमने एक शानदार फायर शो के साथ कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी प्रस्तुत कीं, जिन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हमारा उद्देश्य इस उत्सव को हर साल बड़ा और अधिक सार्थक बनाना है। साथ हीं यह भी सुनिश्चित करना है, कि यह आने वाली पीढ़ियों को बुराई पर अच्छाई की जीत के शाश्वत संदेश से प्रेरित करता रहे।
मीडिया से बात करते हुए साल्टलेक सांस्कृतिक संसद के सचिव अमित पोद्दार ने कहा, साल्टलेक में आयोजित दशहरा उत्सव, कोलकाता की उत्सवी भावना और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन गया है। रावण दहन के दृश्य का अनुभव करने आए हज़ारों परिवारों और आगंतुकों का स्वागत करते हुए हमें बेहद खुशी हुई। यहां दर्शकों की सुरक्षा और उनके बैठने की व्यवस्था के साथ शाम का आनंद बेहद व्यापक माहौल में तब्दील हो गया है।
उत्सव की शुरुआत 1 अक्टूबर को विधान नगर में स्थित सेंट्रल पार्क मेला ग्राउंड में बहुप्रतीक्षित रास गरबा और डांडिया नाइट के साथ हुई, जहाँ प्रतिभागी पारंपरिक गरबा और डांडिया नृत्य शैलियों के माध्यम से उत्सव मनाने के लिए मेला ग्राउंड में एकत्रित हुए। इस आनंदमयी शुरुआत ने दशहरा उत्सव की शुरुआत की और एकता, आनंद और सांस्कृतिक गौरव के माहौल को चार चांद लगा दिया।
साल्टलेक सांस्कृतिक संसद के बारे में :
साल्टलेक सांस्कृतिक संसद समाज के वंचित वर्ग के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए समर्पित एक संगठन है। इस संस्था के जरिए हम लगातार स्कूल, धर्मार्थ औषधालय, रक्तदान शिविर, पुस्तक वितरण कार्यक्रम, विवाह भवन आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उन तक शिक्षा, स्वास्थ्य और संबंधित सेवाएँ पहुँचाते रहते हैं।





