चंद्रपुर : प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक है, हर गांव में प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है. प्रयुक्त प्लास्टिक का उचित प्रबंधन समय की मांग है. यह विचार जिला परिषद उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी जल एवं स्वच्छता नूतन सावंत ने व्यक्त किये.
देश में 15 सितंबर से 2 अक्टूबर 2023 तक स्वच्छता हा सेवा अभियान बड़े उत्साह के साथ चलाया जा रहा है और स्थायी स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. प्लास्टिक प्रबंधन पर भी जोर दिया गया है और इस संबंध में बड़े पैमाने पर जन जागरूकता पैदा की जा रही है. इसके लिए जिले में स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत परिवार भ्रमण गतिविधियां क्रियान्वित की जा रही हैं, गांव में परिवारों का भ्रमण कर अपशिष्ट वर्गीकरण, प्लास्टिक संग्रहण एवं उसके प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है. घरेलू स्तर के कचरे को घरेलू स्तर पर गीले कचरे सूखे कचरे में कैसे वर्गीकृत किया जा सकता है. इसके लिए पारिवारिक स्तर पर दो कूड़ादानों का उपयोग किया जाना चाहिए. यदि कचरे को घरेलू स्तर पर वर्गीकृत किया जाता है, तो गाँव में वर्गीकृत कचरे का प्रबंधन करना आसान हो जाता है. कूड़ा खुले में नजर नहीं आएगा. ऐसी सरल समाधान योजना लेकर गांव में परिवारों के बीच जाकर जनजागरूकता पैदा की जा रही है. इस गतिविधि में आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सीआरपी कार्यकर्ता, ग्राम सेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इसके अलावा जिला, तालुका स्तर के अधिकारी और कर्मचारी इस गतिविधि में भाग ले रहे हैं. ग्राम स्तर पर 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2023 तक चलने वाले स्वच्छता ही सेवा अभियान की प्रत्येक गतिविधि में ग्रामीण भाग लें. यह अपील उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी जल एवं स्वच्छता नूतन सावंत ने की है.