- वर्ष 2025 में 61वें वर्ष में 19वीं सदी की अग्रणी नाट्य हस्ती नति बिनोदिनी को दी गई एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि
- कोलकाता : माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भवानीपुर 75 पल्ली के भव्य दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन किया। इसके साथ मंडप को आधिकारिक तौर पर दर्शकों के लिए खोल दिया गया। इस वर्ष 2025 में पूजा कमेटी का यह उत्सव 61वें वार्ष में प्रवेश कर रहा है। दक्षिण कोलकाता की प्रमुख थीम पूजाओं में एक उभरते सितारे के रूप में प्रसिद्ध भवानीपुर 75 पल्ली के दुर्गोत्सव कमेटी की ओर से इस वर्ष आकर्षक थीम “बिनोदिनी” लगातार लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यह थीम 19वीं सदी की अग्रणी नाट्य हस्ती नति बिनोदिनी को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि है, जिन्होंने बंगाली रंगमंच पर महिलाओं की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित किया। बुधवार को मंडप के उद्घाटन समारोह में मदन मित्रा (विधायक), कार्तिक बनर्जी (सामाजिक कार्यकर्ता) एवं पापिया सिंह (पार्षद) उपस्थित थे।
इस वर्ष 2025 में भवानीपुर 75 पल्ली ने अपने पंडाल को एक लुभावने कथा स्थल में बदल दिया है, जहाँ नाटकीय कला प्रतिष्ठानों, जटिल सेट डिज़ाइन, विषयगत वास्तुकला और मनमोहक प्रकाश-ध्वनि कथावाचन के माध्यम से बिनोदिनी की असाधारण यात्रा को जीवंत करने का प्रयास किया गया है। यहां आने वाले आगंतुकों को उनके जीवन के विभिन्न चरणों से रूबरू कराया जायेगा, जिनमें उनकी साधारण शुरुआत से लेकर स्टारडम तक, सांस्कृतिक दिग्गजों के साथ उनके जुड़ाव और अंततः आध्यात्मिक एकांतवास तक के दृश्य से वे अवगत हो सकेंगे।
वर्ष 1862 में जन्मी बिनोदिनी दासी ने सामाजिक कलंक को चुनौती देते हुए बंगाल की सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में से एक बनने का गौरव प्राप्त किया और गिरीश चंद्र घोष के मार्गदर्शन में 80 से अधिक प्रशंसित नाटकों में अभिनय किया। चैतन्य लीला, सितार बोनोबास और मेघनाद बध जैसे क्लासिक नाटकों में उनके शानदार अभिनय ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, रवींद्रनाथ टैगोर और रामकृष्ण परमहंस जैसे दिग्गजों की प्रशंसा अर्जित की। उनकी आत्मकथा अमर कथा कला के क्षेत्र में महिलाओं के संघर्ष और विजय का एक जीवंत ऐतिहासिक प्रमाण है।
इस अवसर पर भवानीपुर 75 पल्ली के सचिव सुबीर दास ने कहा, हमें बेहद गर्व है कि माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमारे दुर्गोत्सव के 61वें वर्ष में दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन किया। इस वर्ष की थीम, ‘बिनोदिनी’ न केवल एक कलात्मक श्रद्धांजलि है, बल्कि बंगाल के सांस्कृतिक परिदृश्य को बदलने वाली महिलाओं की शक्ति और दृढ़ता की भी याद दिलाती है। इस पंडाल के माध्यम से हमारा उद्देश्य उनकी कहानी को जीवित रखना और आने वाली पीढ़ियों को उनके बारे में जानकारी देकर उन्हें प्रेरित करना है।
इस वर्ष के पंडाल का कलात्मक संयोजन अभिजीत नंदी और मूर्ति परिमल पाल द्वारा बनाया गया है। मंडप का बहुस्तरीय डिजाइन और प्रतीकात्मक रूप, बिनोदिनी के जीवन के विभिन्न चरणों – उनके संघर्षों, विजयों और आध्यात्मिक जागृति को दर्शाता है, जबकि देवी दुर्गा की मूर्ति उनकी अदम्य भावना को दर्शाती है, जो परंपरा को परिवर्तन के सार के साथ मिश्रित करती है।
बुधवार को ममता बनर्जी द्वारा इस पूजा मंडप के उद्घाटन के साथ ही इस उत्सव की आधिकारिक शुरुआत कर दी गई है। दर्शकों के लिए मंडप को खोल दिया गया है। कमेटी के सदस्यों ने कहा कि भवानीपुर 75 पल्ली भक्तों, कला प्रेमियों और आगंतुकों को दुर्गा पूजा 2025 के दौरान बंगाल की नाट्य विरासत और सांस्कृतिक प्रतिभा के इस विशाल उत्सव का गवाह बनने के लिए गर्मजोशी से हमारे मंडप में आने के लिए तहे दिल से आमंत्रित करता है।





