नई दिल्ली : देश के उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर प्याज उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस प्रतिबंध के कारण उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर प्याज उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत किसानों से लगातार प्याज खरीद रही है.
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार ने बताया कि सरकार ने यह फैसला खरीफ फसल की आवक में देरी, निर्यात किए गए प्याज की गुणवत्ता, तुर्की, मिस्र और ईरान द्वारा लगाए गए व्यापार और गैर-व्यापार प्रतिबंधों जैसी वैश्विक स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया है. उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि केंद्र सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत किसानों से प्याज खरीद रही है ताकि किसान इन घटनाक्रमों से प्रभावित न हों. उन्होंने इस बारे में और जानकारी देते हुए कहा कि बाजार में प्याज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार 2 लाख टन प्याज खरीदने जा रही है. केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रतिबंध से देशभर के उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में और उचित मूल्य पर प्याज उपलब्ध हो सकेगा.
चालू वित्तीय वर्ष में, सरकार ने एनसीसीएफ और एनएएफईडी दोनों को आरक्षित स्टॉक के रूप में सात लाख टन प्याज खरीदने के लिए कहा है, सिंह ने कहा कि अब तक लगभग 5.10 लाख टन अनाज खरीदा जा चुका है और बाकी खरीद जारी है. खुले बाजार में बिक्री और उपभोक्ताओं को सीधे खुदरा बिक्री के माध्यम से सरकार द्वारा खरीदा गया प्याज बाजार में ऊंची कीमतों पर बेचा जा रहा है. उन्होंने बताया कि भंडारण से निकाले गए 2.73 लाख टन प्याज में से लगभग 20,700 मीट्रिक टन प्याज 2,139 खुदरा केंद्रों के माध्यम से 213 शहरों में खुदरा ग्राहकों को बेचा गया था. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के कारण, प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 17 नवंबर को 59.9 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 8 दिसंबर को 56.8 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.