खुले में निर्माण सामग्री रखने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा
चंद्रपुर : शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दिन-ब-दिन कम हो रहा है, इसलिए बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए चंद्रपुर नगर निगम द्वारा उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार कदम उठाए जा रहे हैं और अब से सड़क पर निर्माण सामग्री फेंकने वालों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी.
वायु और विभिन्न प्रकार के प्रदूषण श्वसन और अन्य बीमारियों का कारण बनते हैं. माननीय उच्च न्यायालय ने इसके लिए उत्तरदायी कारकों पर नियंत्रण हेतु कुछ निर्देश दिये हैं. इसमें शहर में कई जगहों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं, जब ये निर्माण कार्य चल रहे हैं तो इनमें इस्तेमाल होने वाले ईंट, रेत, सीमेंट, गिट्टी और अन्य सामग्री के कारण काफी मात्रा में धूल उड़ती नजर आ रही है. वायु प्रदूषण दरअसल, जब किसी भी भवन का निर्माण चल रहा हो तो निर्माण स्थल के निचले हिस्से से लेकर ऊंचाई तक चारों तरफ हरे रंग की जाली का इस्तेमाल करना जरूरी होता है. ताकि निर्माण सामग्री के कारण उड़ने वाली धूल से अन्य लोगों को परेशानी न हो. आगे से ऐसे निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसी तरह मलबे को बिना परिवहन किए उसी स्थान पर निस्तारित करने के भी निर्देश दिए जा रहे हैं.
भारत सरकार अधिसूचना संख्या जी.एस.आर.682(ई), दि. 05/10/1999 तक 125 डेसिबल (एआई) से अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखों का निर्माण, बिक्री या उपयोग करना अवैध है. माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार बेरियम नमक, लिथियम, आर्सेनिक, सीसा, पारा जैसे तत्वों से युक्त पटाखों का उपयोग प्रतिबंधित है. ये तत्व जहरीली गैसें पैदा करते हैं और ये गैसें जानवरों और पौधों दोनों के लिए हानिकारक हैं. इसलिए यदि संभव हो तो हरित दिवाली मनानी चाहिए, अगर पटाखे फोड़ने हैं तो शाम 7 बजे से 10 बजे के बीच ही फोड़ने चाहिए.
इसी तरह प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग करने वालों पर भी कार्रवाई की जायेगी. धूल की मात्रा कम करने के लिए साफ-सफाई पर जोर देते हुए धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है. निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहन पूरी तरह से ढके हुए न हों, सड़क पर चलने वाले वाहन साफ-सुथरे न हों, निर्माण स्थल पर साफ-सफाई न हो आदि को लेकर नगर निगम प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि नगर निगम की टीमों द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी.