चंद्रपुर : सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में नर्स की मौत को जिले के सामाजिक कार्यकर्ताओं, विभिन्न पार्टी के नेता, पालक मंत्री आधी ने गंभीरता से लिया है और प्रशासन को जांच करने, साथ ही जिला कलेक्टर ने सामान्य चिकित्सालय में कमियों, त्रुटियों आदि पर विशेष ध्यान देने की मांग किया गया था. तदनुसार, कलेक्टर विनय गौड़ा जी.सी. बुधवार (30 तारीख) को जिला सामान्य अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था का निरीक्षण किया.
इस समय कलेक्टर गौड़ा ने कहा, अस्पताल में प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य देखभाल के बारे में नागरिकों की शिकायतों के लिए स्थापित शिकायत पेटी अच्छी स्थिति में होनी चाहिए और नागरिकों को इसके बारे में पता होना चाहिए. जिला चिकित्सालय में औषधियों की आपूर्ति, सामग्री, उपकरण, रिक्तियां आदि के संबंध में शासन को प्रत्येक माह अवगत कराया जाये. साथ ही इसकी एक प्रति जिला प्रशासन को भी उपलब्ध करायी जाये. गहन चिकित्सा इकाई अच्छी स्थिति में होनी चाहिए. यदि रख-रखाव और मरम्मत के लिए दी जाने वाली धनराशि में गहन चिकित्सा कक्ष, सुरक्षा दीवार, प्रवेश द्वार, पानी की टंकी और अन्य सामान शामिल है, तो इसकी तुरंत सूचना दी जानी चाहिए.
अस्पताल में कौन-कौन से डॉक्टर ड्यूटी पर हैं, कब आते हैं, उनके आने-जाने का समय क्या है, इस पर अस्पताल प्रशासन को पूरा ध्यान देना चाहिए. किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. रोगी से संबंधित और आवश्यक वस्तुओं जैसे दवा आपूर्ति, उपकरण की तुरंत मांग करें. अस्पताल में सभी विभागाध्यक्षों की बैठक कर रिपोर्ट मांगे कि उस विभाग में क्या चाहिए, पहली प्राथमिकता क्या है और उसका बजट कितना है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अस्पताल के कर्मचारी किस समय आते हैं, जो समय पर उपस्थित नहीं होते हैं उनका रिकार्ड रखें, जो उपस्थित हैं उनके हस्ताक्षर सत्यापन के लिए लिखावट विशेषज्ञों के पास भेजें, यदि बायोमेट्रिक मशीन है तो उनका रिकार्ड रखें.
कलेक्टर ने आगे कहा कि दवा आपूर्ति और मांग, उपकरण, सर्जिकल सामग्री और अस्पताल के लिए प्राप्त धनराशि के पिछले तीन वर्षों के रिकॉर्ड के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए. यहां उपलब्ध सभी सीसीटीवी चालू रहने चाहिए. यदि अधिक सीसीटीवी की आवश्यकता है तो उसके लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करें. डॉक्टरों के आगमन और प्रस्थान को रिकॉर्ड करने के लिए अस्पताल के प्रवेश द्वार पर तुरंत सीसीटीवी लगाएं. इसकी पहुंच आईपी के माध्यम से उपमंडल अधिकारी तक पहुंचाई जाए. हालांकि वहां नवजात शिशु वार्ड, बाल चिकित्सा वार्ड, आईसीयू अन्य विभागों की तुलना में बेहतर चल रहे हैं, लेकिन सावधान रहें ताकि बच्चा बदलने या बच्चा चोरी के मामले न हों. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सुरक्षा गार्ड मरीज के साथ कम से कम परिजनों को अस्पताल में प्रवेश देने की व्यवस्था करें.
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने टेलीमेडिसिन विभाग, दुर्घटना विभाग, गहन चिकित्सा विभाग, बाल गहन चिकित्सा विभाग, ड्रेसिंग रूम, प्रसव कक्ष, डायलिसिस यूनिट, थैलेसीमिया कक्ष एवं बाह्य रोगी विभाग आदि का निरीक्षण किया.