चंद्रपुर : सड़क हादसों में हो रही लगातार बढ़ोतरी और यातायात नियमों की अनदेखी को देखते हुए चंद्रपुर जिलाधिकारी विनय गौडा जी.सी. ने आज जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का उद्देश्य था— सड़क सुरक्षा को लेकर की जा रही योजनाओं की समीक्षा और अमल में आनेवाली चुनौतियों का समाधान निकालना।
बैठक में जिलाधिकारी ने साफ निर्देश दिए कि बिना हेल्मेट वाहन चालाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सड़क पर बनाए जाने वाले स्पीड ब्रेकर केवल मानदंडों के अनुसार ही लगाए जाएं, और बिना अनुमति के कहीं भी स्पीड ब्रेकर न बने। साथ ही, सड़कों के किनारे मुरुम या मिट्टी डालकर साइड शोल्डर बनाने का आदेश दिया ताकि गाड़ियाँ उतरने पर फिसलें नहीं और हादसे से बचा जा सके।
जिन स्थानों पर बार-बार हादसे हो रहे हैं, वहाँ तात्कालिक और दीर्घकालिक उपायों को लागू करने का निर्देश भी उन्होंने दिया। स्कूलों और कॉलेजों में यातायात विभाग, परिवहन विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्त जनजागरूकता कार्यक्रम चलाने की बात कही गई।
इस बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुलकित सिंह, परिवहन अधिकारी किरण मोरे, सार्वजनिक बांधकाम विभाग के अधिकारी, जिला आरोग्य अधिकारी समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सार्वजनिक बांधकाम विभाग के अधीक्षण अभियंता अरुण गाडेगोणे ने एक प्रस्तुति में अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी दी जिसमें स्पीड ब्रेकर, ट्रैफिक सिग्नल, सड़क की हालत, दुर्घटनाओं के आंकड़े और संयुक्त दौरे का विवरण था।
जनता की प्रतिक्रिया:
हालांकि बैठक में अनेक निर्देश दिए गए, लेकिन आम नागरिकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि मीडिया के माध्यम से इन मुद्दों पर कई बार ध्यान आकर्षित किया गया, लेकिन कार्रवाई कागजों तक ही सीमित रही है।
बार-बार होते हादसे, सड़कों पर गड्ढे, अवैध पार्किंग और स्पीड ब्रेकर की अनियमितता— ये सब अब भी जस के तस हैं। जब कोई बड़ा हादसा होता है और आम आदमी की जान जाती है, तब जाकर थोड़ी हलचल दिखाई देती है, लेकिन वह भी सिर्फ औपचारिकता लगती है।
अब सवाल यह है कि क्या इस बैठक के बाद वाकई कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे? क्या कलेक्टर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करेंगे? या फिर जनता को ही नियमों का पाठ पढ़ाकर एक बार फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
जब तक धरातल पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक ऐसी बैठकों का उद्देश्य अधूरा ही रह जाएगा। चंद्रपुर की जनता अब सिर्फ आश्वासन नहीं चाहती, उसे सुरक्षित सड़कें और जवाबदेह प्रशासन चाहिए।