घुग्घुस (चंद्रपुर) : शहर की अंडरग्राउंड नालियां आज खुद अपनी दुर्दशा की कहानी कह रही हैं। गांधी चौक से दो नंबर मार्ग की ओर जाने वाले इलाके की नालियों की सफाई युद्ध स्तर पर की जा रही है, लेकिन हालात साफ इशारा कर रहे हैं कि या तो कई महीनों से सफाई नहीं हुई, या यदि हुई भी थी, तो वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि घुग्घुस नगर परिषद को बने 4 साल से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अभी तक चुनाव की घोषणा न होने से अधिकारियों को मनमानी करने का खुला मौका मिल गया है। जनता की समस्याओं की अनदेखी करते हुए अंडरग्राउंड नालियों की उपेक्षा से अब शहर की स्वच्छता व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया है।
गौर करने वाली बात यह है कि इन नालियों की सफाई के दौरान ऊपरी सतह को तोड़कर काम किया जा रहा है, जिससे न सिर्फ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हो रहा है, बल्कि उसके पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी किसकी होगी, यह भी स्पष्ट नहीं है।
साफ-सफाई के नाम पर चल रही इस कार्रवाई में स्वच्छता अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों की भूमिका अब संदेह के घेरे में है। क्या ये केवल खानापूर्ति है, या वास्तव में सफाई का काम हो रहा है? यदि पहले सफाई हुई थी, तो नालियां जाम कैसे हो गईं?
इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या नगर परिषद के मुख्याधिकारी इन गंभीर स्थितियों पर संज्ञान लेंगे या फिर यह मामला भी अन्य मुद्दों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
जनता अब जवाब मांग रही है। पारदर्शिता, जवाबदेही और नियमित निरीक्षण की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। घुग्घुस की जनता देख रही है, और अब चुप नहीं बैठेगी।




