चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले घुग्घुस शहर में जल संकट गहराता जा रहा है। यहां के नागरिकों को दो से चार दिन के अंतराल पर पानी मिल रहा है, जिससे उनका जनजीवन प्रभावित हो रहा है। नागरिकों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही और अधिकारियों की गैर-जिम्मेदाराना कार्यशैली के कारण यह समस्या विकराल रूप ले रही है।
प्रशासनिक लापरवाही का प्रमुख कारण
शहर में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी घुग्घुस में स्थायी रूप से निवास नहीं करते, बल्कि वे 18 से 30 किलोमीटर दूर से प्रतिदिन आ-जा रहे हैं। इस कारण उन्हें स्थानीय समस्याओं की गंभीरता का अहसास नहीं हो रहा है। अधिकारी न तो नागरिकों की परेशानियों को समझ रहे हैं और न ही कोई ठोस समाधान निकाल रहे हैं।
शहर के तीन प्रमुख हिस्सों की जल समस्या
- WCL क्षेत्र
इस क्षेत्र में गांधी नगर, सुभाष नगर, इंदिरा नगर, राजीव कॉलोनी, रामनगर, शिव नगर, बंगाली कैंप, गोपाल नगर, शास्त्री नगर, आंबेडकर नगर, शालिग्राम नगर जैसे इलाके आते हैं।
यहां की जमीन का अधिकांश भाग WCL की लीज पर है, जिसके कारण नगर परिषद से कई सुविधाएं नहीं मिल पातीं।
WCL अपने कर्मचारियों को प्राथमिकता से जल आपूर्ति नहीं कर पा रही है क्योंकि अवैध अतिक्रमण और बाहरी लोगों की घुसपैठ एक बड़ी समस्या बन गई है।
इस क्षेत्र में कामगार वसाहत में पानी तीन से चार दिन के अंतराल पर दिया जा रहा है, जो काफी परेशानी का कारण बन रहा है।
- घुग्घुस बस्ती
यह क्षेत्र झुग्गी-बस्ती के रूप में जाना जाता है, जहां अमराई वार्ड, तिलक नगर, उड़िया मोहल्ला, नया दो नंबर, दो नंबर, श्रीराम वार्ड, पंचशील एरिया, विद्या टॉकीज एरिया, बैंक ऑफ इंडिया क्षेत्र जैसे इलाके शामिल हैं।
बाहरी लोगों की संख्या यहां लगातार बढ़ रही है, जिससे संसाधनों पर अधिक दबाव पड़ रहा है।
NOC की अनुपलब्धता के कारण यहां कई बुनियादी सुविधाओं में बाधाएं आ रही हैं।
जल संकट यहां भी गंभीर बना हुआ है, जिससे आम नागरिक परेशान हैं।
- फॉश एरिया (वार्ड नंबर 6)
यह क्षेत्र अन्य दो क्षेत्रों की तुलना में अधिक विकसित माना जाता है, लेकिन बुनियादी समस्याएं यहां भी कम नहीं हैं।
कुछ स्थानों पर अब भी नल, पक्की सड़कें और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
क्षेत्र में बोरवेल तो हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं है, जिससे लोग टैंकर और नगर परिषद द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले पानी पर निर्भर हैं।
इस क्षेत्र में हर दूसरे दिन जलापूर्ति की जाती है, जो गर्मी के मौसम में बिल्कुल अपर्याप्त साबित हो रही है।
नागरिकों की समस्या: समाधान की उम्मीद या राजनीतिक षड्यंत्र?
घुग्घुस शहर में जल संकट कोई नई समस्या नहीं है, लेकिन प्रशासन द्वारा इसे सुलझाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जहां एक ओर नगर परिषद और जल विभाग की नीतियां नागरिकों पर बोझ बढ़ा रही हैं, वहीं दूसरी ओर नेताओं की निष्क्रियता इस समस्या को और गंभीर बना रही है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और संबंधित कंपनियां इस संकट का समाधान निकालती हैं या फिर जनता को राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार बनकर इसी तरह परेशान रहना पड़ेगा।