गडचांदूर में माणिकगड सिमेंट कंपनी द्वारा सड़क की सफाई के लिए मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन घुग्घुस में ऐसा कोई प्रयास देखने को नहीं मिल रहा। यहां की सड़कों पर बढ़ता धूल और प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है। एक समय था जब नागरिकों के स्वास्थ्य और सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से सफाई होती थी और पानी का छिड़काव किया जाता था। लेकिन अब यह जिम्मेदारी सिर्फ कागजों में सिमट गई है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
ट्रांसपोर्टिंग और प्रदूषण का अंबार
NH7 के घुग्घुस-वणी मार्ग पर भारी मात्रा में WCL का ट्रांसपोर्टिंग होता है। कोयले से लदे ट्रक, कचरे के वाहन और सीमेंट, आयरन ट्रांसपोर्टिंग से उड़ती धूल सड़क पर सफर करने वालों के लिए मुसीबत बन गई है। कई बार मीडिया ने इस मुद्दे को अधिकारियों तक पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन और विभागों की निष्क्रियता
स्थानीय नागरिकों की चर्चाओं के अनुसार, पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण विभाग, तहसीलदार, मुख्याधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों की उदासीनता इस समस्या को और बढ़ा रही है। कहा जाता है कि जब तक कोई अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में फंसता नहीं, तब तक सिस्टम में सुधार की उम्मीद करना बेकार है।
क्या घुग्घुस की जनता को मिल पाएगा समाधान?
सवाल यह है कि जब गडचांदूर में कंपनियां सड़क की सफाई कर सकती हैं, तो घुग्घुस में क्यों नहीं? क्या यहां की कंपनियां और प्रशासन जिम्मेदारी से बच रहे हैं? क्या नागरिकों के स्वास्थ्य की चिंता किसी को नहीं है? अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह प्रदूषण और भी गंभीर रूप ले सकता है।
अब समय आ गया है कि घुग्घुस की जनता, सामाजिक कार्यकर्ता और मीडिया मिलकर प्रशासन पर दबाव बनाए ताकि उचित सफाई व्यवस्था लागू हो और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।