Thursday, May 22, 2025

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अर्थ डे की 54वीं वर्षगांठ के मौके पर “कम्पोस्ट कार्निवल: वेस्ट नॉट्स, कम्पोस्ट लॉट्स” थीम पर आयोजित कार्निवाल के प्रेरणादायक पल की शुरुआत

कोलकाता : पूरे विश्व में 22 अप्रैल को अर्थ डे की 54वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. इस मौके पर ममता सुमित बिन्नानी फाउंडेशन, होम फॉर यू, सीआईआई के वाई ई, इमामी कोलकाता, सेंटर फॉर क्रिएटिविटी, माहेश्वरी इंटरनेशनल बिजनेस फाउंडेशन, इयांत्रम, सीव इन स्टाइल ने संयुक्त रूप से एमएसएमई अड्डा के साथ मिलकर “कम्पोस्ट कार्निवल: वेस्ट नॉट्स, कम्पोस्ट लॉट्स!” की थीम पर आयोजित भव्य ज्ञानवर्धक कार्यक्रम की शुरुआत की गई. स्थिरता और पर्यावरण की देखभाल के लिए समर्पित इस इंटरैक्टिव और प्रेरणादायक कार्निवल का आयोजन कोलकाता के गोल्डन ट्यूलिप होटल में किया गया.

इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को कंपोस्टिंग और हमारे इस अमूल्य प्लानेट को संरक्षित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया गया, जिसमें सीएस (डॉ.) अधिवक्ता और एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम के पश्चिम बंगाल चैप्टर की अध्यक्ष ममता बिन्नानी, शीतल बविशी (प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने वाले संगठन बीजम की संस्थापक), बैभव अग्रवाल (सीआईआई के वाई आई के चेयरपर्सन), ऋचा अग्रवाल (अध्यक्ष, इमामी कोलकाता सेंटर फॉर क्रिएटिविटी), बिष्णु लोहिया (एमडी, इयांत्रम वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी), रजनी केडिया घोष (प्रमोटर निदेशक, सीव इन स्टाइल), प्रशांत माहेश्वरी (अध्यक्ष, माहेश्वरी इंटरनेशनल बिजनेस फाउंडेशन) के अलावा गोल्डन ट्यूलिप होटल के निदेशक आशीष मित्तल के साथ समाज की अन्य कई प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल हुए.

सुबह के सत्र की शुरुआत में पर्यावरण के प्रति जागरूक वयस्कों से लेकर जिज्ञासु बच्चों तक सभी उम्र के प्रतिभागियों ने खाद बनाने की तकनीक और कचरा कम करने की रणनीतियों पर बहुमूल्य सुझाव दिए.

इस अवसर पर एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम पश्चिम बंगाल चैप्टर की अध्यक्ष सीएस (डॉ.) एवम् अधिवक्ता ममता बिन्नानी ने कहा, जानकारीपूर्ण और आकर्षक कंपोस्ट कार्निवल ने समुदाय को कंपोस्टिंग और पर्यावरणीय स्थिरता में इसकी भूमिका के बारे में जानने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान किया है. खाद बनाना एक आसान कला है. यह पत्तियों और भोजन के अवशेषों जैसे कार्बनिक पदार्थों को मूल्यवान उर्वरक में पुनर्चक्रित करने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो मिट्टी को समृद्ध करती है. ये पौधों के लिए सबसे अच्छा उर्वरक है. आज, जैविक कचरे को एक मूल्यवान संसाधन में बदलने के लिए खाद बनाने का उपयोग पूरे भारत और अन्य देशों में तेजी से बढ़ रहा है.

इस अवसर पर सीआईआई के वाई आई के चेयरपर्सन बैभव अग्रवाल ने कहा, यह कम्पोस्ट कार्निवल समाज को अपने आसपास के कचरे को कम करने और पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी बनाने के तरीके के लिए खाद को बढ़ावा देने को लेकर एक साथ लाया है. इस सत्र ने लोगों को कंपोस्टिंग के साथ जुड़ने का एक मजेदार और इंटरैक्टिव तरीका पेश किया, जिसमें ऐसी गतिविधियाँ और कार्यशालाएँ थीं, जिसमे शैक्षिक और मनोरंजक दोनों पार्ट शामिल थे। यह कार्निवल काफी कुछ नई जानकारी सीखने का एक मंच है.

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Pranaykumar Bandi

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