चंद्रपुर : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07, 08 मार्च 2024 को जारी एक रिपोर्ट के अनुसर, देश में चंद्रपुर की आंकड़ों की मानें तो इस शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर 200 के पार है. वहीं देश में सबसे खराब स्थिति चंद्रपुर की है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 251 दर्ज किया गया था. वायु गुणवत्ता ‘खराब’ (201-300 के बीच) दर्ज की गई थी. आज का Air कॉलिटी इंडेक्स के अनुसार 128 मॉडरेट दर्ज किया गया है.
हालही में टीवी9 “निवाडनुकित चंद्रपुरची एजेंडा काय?” “विचारतोय छोटा पुढारी” में बल्लारशाह विधान सभा क्षेत्र के विधायक सुधीर मुनगंटीवार से प्रदूषण के सवाल पर कुछ न बोलना लोकसभा चुनाव में अन्य पार्टी के लोगों को बोलने का एक मौका दोबारा मिल गया है.
जानिए क्या कहता हैं नेता?
चंद्रपुर एआईएमआईएम के जिला महासचिव एवं सामाजिक कार्यकर्ता विनेश मदुनय्य कलवल ने कहा कि चंद्रपुर की प्रदूषण के सवाल पर छोटा पुढारी का मै आभार व्यक्त करता हूं और भाऊ को प्रदूषण पर बोलना चाहिए था. लेकिन भाऊ ने कुछ नहीं कहा? क्या उनके मुंह में दही जम गई थी क्या? बुद्धिजीवी और पडे लिखे जनता को इस पर विचार करना चाहिए और जिले के आनेवाले पीढ़ी को प्रदूषण से बचाना चाहिए. प्रदूषण पर नहीं बोलने वाले नेताओं को सबक सिखाना चाहिए. चंद्रपुर जिला प्रदूषण का महाकुंभ तो है ही साथ ही बीमारियों का भी कुंभ बनता जा रहा है?
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है. इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है. इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है.
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वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है. यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है.
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है. ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है.