कोलकाता : हमारे देश भारतवर्ष में क्रिकेट सिर्फ एक खेल ही नहीं, बल्कि यह एक जुनून भी माना जाता है. इसी कड़ी में एक अलग तरह के फॉर्मेट में खेले जाने वाले दिव्यांग त्रिकोणीय टी-20 क्रिकेट ट्रॉफी 2024 के लिए प्रतियोगिता की शुरुआत 15 मार्च, 2024 को होने वाली है. इस क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से किया गया है. गुरुवार को कोलकाता के ताज बंगाल में एक कार्यक्रम के इसकी औपचारिक घोषणा की गई. इस मौके पर आकर्षक ट्रॉफी का अनावरण भी भव्य तरीके से किया गया.
इस समारोह में पूर्व भारतीय क्रिकेटर अरुण लाल (पूर्व भारतीय क्रिकेटर), चिन्मय नायक (सीईओ, सीएबी), रवि चौहान (डीसीसीआई के महासचिव), स्क्वाड्रन लीडर अभय प्रताप सिंह (डीसीसीआई के संयुक्त सचिव), अरुण सराफ (पश्चिम बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन फॉर डिफरेंटली-एबल्ड के मुख्य संरक्षक), राजेश भारद्वाज (डीसीसीआई के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन कमेटी के अध्यक्ष), और सुरेन्द्र अग्रवाल (डीसीसीआई के दक्षिण भारत के अध्यक्ष) के साथ समाज में कई कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल हुए.
विभिन्न दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा खेला जाने वाला एक अन्य फॉर्मेट का क्रिकेट है. जिसमे मुख्यधारा के क्रिकेट की चकाचौंध और ग्लैमर के बीच, दिव्यांग क्रिकेटर के रूप में क्रिकेट प्रेमियों का एक ऐसा वर्ग भी मौजूद है, जिसे लंबे समय से अनदेखा किया गया है. दिव्यांग क्रिकेट में ब्लाइंड क्रिकेट, मूक-बधिर क्रिकेट, शारीरिक विकलांगता क्रिकेट और व्हीलचेयर क्रिकेट जैसे विभिन्न रूप शामिल हैं. दिव्यांग त्रिकोणीय टी-20 ट्रॉफी 2024 तीन राज्यों, पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बीच 15 से 17 मार्च, 2024 को बारासात में स्थित आदित्य अकादमी में खेला जाएगा.
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए डीसीसीआई के महासचिव रवि चौहान ने कहा, दिव्यांग त्रिकोणीय टी-20 ट्रॉफी एक अनूठा मंच है, जो दिव्यांग क्रिकेटरों की प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को समाज के सामने लाता है. हम हमेशा समाज में हर संभव तरीके से बदलाव लाना चाहते हैं. हम इस आयोजन के जरिए समाज में यह जागरूकता पैदा करना चाहते हैं कि, दिव्यांग लोग जीवन में जो कुछ भी करना चाहते हैं, वह कर सकते हैं. बल्कि एक सामान्य व्यक्ति से भी बेहतर कर सकते हैं.
इस अवसर पर, पश्चिम बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन फॉर डिफरेंटली-एबल्ड के मुख्य संरक्षक अरुण सराफ ने कहा, डीसीसीआई द्वारा डिफरेंटली-एबल्ड लोगों के लिए पश्चिम बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन का मुख्य संरक्षक नियुक्त किए जाने पर मैं अविश्वसनीय रूप से सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैं अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा पश्चिम बंगाल में सभी क्रिकेटरों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हूं.
डीसीसीआई के बारे में :
बीसीसीआई के सचिव जय शाह के मार्गदर्शन में दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीसीआई) भारत में समावेशी खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है. बीसीसीआई की ओर से भारत में खेले जाने वाले क्रिकेट के सभी चार अलग-अलग प्रारूपों यानी ब्लाइंड क्रिकेट, बधिर क्रिकेट, शारीरिक रूप से विकलांग (खड़े) क्रिकेट और व्हीलचेयर क्रिकेट का प्रतिनिधित्व करने वाली एक छत्र संस्था का गठन किया गया था. बीसीसीआई ने जून 2021 में अपनी शीर्ष परिषद की बैठक में डीसीसीआई को अपना समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई. भारत में दिव्यांग क्रिकेट उन व्यक्तियों के जुनून और प्रतिभा का प्रतीक है, जो अपनी दिव्यांगताओं से परिभाषित होने के बावजूद समाज में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाकर अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल हुए हैं.