मंडप के भीतर दर्शकों को देवी दुर्गा की प्रतिमा में पुरानी सभ्यता और संस्कृति की मिलेगी झलक
कोलकाता : दुर्गापूजा उत्सव का समय नजदीक आते हीं ‘भवानीपुर 75 पल्ली’ का नाम दर्शकों की जुबां पर सबसे पहले आता है. यह दक्षिण कोलकाता की अग्रणी थीम पूजाओं में एक उभरता हुआ सितारा बन गया है. हर साल एक से बढ़कर एक अनोखी थीम पर आधारित मंडप निर्माण के कारण भवानीपुर 75 पल्ली की पूजा अब दर्शकों के दिल में घर कर गया है. इस प्रसिद्ध यह दुर्गा पूजा 59वें वर्ष में प्रवेश कर रही है. आयोजक इस बार पूजा मंडप का निर्माण पहाड़ी फलों पर आधारित थीम पर कर रहे हैं.
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए भवानीपुर 75 पल्ली के कार्यकारी अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता बबलू सिंह ने कहा, समाज में कोई भी परंपरा रातोंरात विकसित नहीं होती है. इसकी जड़ें काफी गहरी होती हैं. इसलिए, पूर्व-स्वर्ण जयंती वर्ष में भवानीपुर 75 पल्ली का अपनी परंपरा, सभ्यता और संस्कृति में विश्वास जारी है. इस बार भवानीपुर 75 पल्ली का पंडाल पहाड़ी फलों से बनाया जा रहा है. मंडप में इन फलों को पारंपरिक तरीके से संसाधित और सजावट के लिए उपयोग किया गया है. इस वर्ष मंडप में देवी की प्रतिमा कलाकार प्रशांत पाल द्वारा बनाई गई है, जिसमें हमारी पुरानी सभ्यता और संस्कृति की झलक दिखेगी.
भवानीपुर 75 पल्ली पूजा कमेटी के सदस्य हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कमेटी की तरफ से सामाजिक जिम्मेदारियों का पूर्णता से पालन करेंगे. दुर्गा पूजा में जो दान और सदस्यता की राशि एकत्रित होती है, उसका एक हिस्सा साल भर सामाजिक कार्यों में उपयोग किया जाता है. कमेटी की तरफ से वर्ष भी कुछ इस तरह की सामाजिक सेवाएं की जाती हैं, जिनमें- पूरे वर्ष स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य जांच और उन्हें सहायता प्रदान करना, आवश्यक समय में रक्तदान शिविर और नेत्र दान के अलावा मरनोपरांत देहदान करने से जुड़े शिविरों का आयोजन करना प्रमुख है. इसके अलावा दुर्गा पूजा के दौरान समाज में अति पिछड़े लोगों में नई साड़ियां और कपड़ों का वितरण; गरीबी रेखा से नीचे के बच्चों को शैक्षिक किट और किताबें देना; सर्दी के मौसम में जरूरतमंदों को कंबल देना और समाज के कल्याण के लिए ऐसी कई सीएसआर गतिविधियां इसमें शामिल हैं.
कमेटी के सदस्यों ने उम्मीद जतायी कि यहां आनेवाले दर्शकों को यहां मंडप की सजावट के अलावा माता की प्रतिमा काफी पसंद आयेगी.