मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए अलग प्रावधान जरूरी है
पुणे : मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर राज्य भर में शुरू हुआ आंदोलन तूल पकड़ चुका है. इस बीच सामुदायिक आरक्षण के लिए भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल. सरकार को मराठा समुदाय के मौजूद वर्गों के लिए आरक्षण लाना चाहिए और उन्हें मुख्यधारा में लाना चाहिए. हालांकि, ओबीसी नेता हेमंत पाटिल ने जोर देकर कहा कि मराठा समुदाय के लिए ओबीसी श्रेणी से यह आरक्षण न देकर एक अलग प्रावधान किया जाना चाहिए.
हाल ही में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ओबीसी समुदाय की भूमिका के बारे में बताया. यह समुदाय मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी से आरक्षण देने का विरोध कर रहा है. पाटिल ने राज्य सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया कि अगर सरकार ओबीसी कोटे से यह आरक्षण देती है तो जो लोग पहले से ही वंचित हैं उनके अवसर कम हो जायेंगे. पाटिल ने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ओबीसी वर्ग से आरक्षण देती है, तो वे इस फैसले के खिलाफ पुणे से राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे. हम आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे के चल रहे संघर्ष का समर्थन करते हैं, लेकिन पाटिल ने राय व्यक्त की कि समुदाय ओबीसी समुदाय पर अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगा.
जस्टिस रोहिणी आयोग की स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा देश भर के अन्य पिछड़े वर्गों, विशेषकर शोषित, पीड़ित और वंचितों को मुख्यधारा में लाने के लिए की गई थी. आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है. इसलिए, बहुजन व्यासपीठ महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष गजानन गवली ने मांग की है कि सरकार 18 से 22 सितंबर के बीच बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में जस्टिस रोहिणी आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश करे. इस संबंध में पाटिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र भेजेंगे.
पाटिल ने यह भी भविष्यवाणी की कि अगर सरकार संसद में रिपोर्ट पेश होने के बाद सिफारिशों को लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाती है, तो मोदी सरकार को आगामी आम चुनावों में फायदा होगा. आयोग की सिफ़ारिशें संसद में पेश कर सरकार को इस पर चर्चा शुरू करनी चाहिए. हालाँकि ये सिफ़ारिशें अभी तक सामने नहीं आई हैं, लेकिन पाटिल ने यह भी अपील की कि संसद को वंचितों को न्याय दिलाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए. इस प्रेस वार्ता में ओबीसी संयुक्त मोर्चा के मुख्य संगठक हेमंत पाटिल, बहुजन व्यासपीठ महाराष्ट्र क्षेत्र के अध्यक्ष गजानन गवली, नाभिक समाज नेता सोमनाथ काशीद, ओबीसी नेता विलास गडदे, ओबीसी संघ महाराष्ट्र प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो.सुभाष दगड़े शामिल थे. बहुजन व्यासपीठ महाराष्ट्र क्षेत्र के अध्यक्ष एडवोकेट. श्रीहरि भुजबल आदि ओबीसी नेता मौजूद थे.