चंद्रपुर : लॉयड्स मेटल्स कंपनी द्वारा विस्तार योजना के तहत जिले के घुग्घुस शहर में एक नए उद्योग का निर्माण किया जा रहा है और 30 सितंबर को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण पर एक सार्वजनिक सुनवाई का आयोजन भी किया गया है. इस जनसुनवाई से पहले महिला क्रांति संगठन की यास्मीन सैय्यद, सरस्वती पाटिल के नेतृत्व में शहर की महिलाओं ने 26 सितंबर को कंपनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. साथ ही चंद्रपुर जिले के हर उद्योग में 35 फीसदी महिलाओं को रोजगार मिले, इस मांग को लेकर आंदोलन किया जायेगा.
घुग्घुस शहर में महिलाओं के लिए रोजगार के कोई अवसर नहीं हैं, दस से बारह घंटे काम करने के बाद उन्हें केवल तीन हजार से पांच हजार रुपये मिलते हैं. शहर में पिछले तीस सालों से मौजूद एक कंपनी के प्रदूषण के कारण शहर की महिलाओं को कई घातक बीमारियों का सामना करना पड़ा है. क्या महिलाओं को प्रदूषण खाना चाहिए? ये महिलाएं ऐसे गुस्से भरे सवाल उठा रही हैं.
जब महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर है, तो क्या महिलाओं को केवल तीन से चार हजार रुपये के लिए शहर की दुकानों या होटलों में बर्तन धोना चाहिए?
इस प्रदूषणकारी उद्योग की धूल और प्रदूषण झेलने वाली महिलाओं को कंपनी में रोजगार दिया जाना चाहिए. कंपनी को शहर में मुफ्त स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र और व्यवसाय प्रदान करना चाहिए. ऐसा पहली बार देखा गया है कई मांगों के साथ महिलाओं के लिए एक आंदोलन शुरू किया. दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए.
इन महिलाओं ने जिले के कई सामाजिक संगठनों से मदद मांगी है, उन्हें कितनी मदद मिलती है यह तो समय बताएगा, लेकिन यह आंदोलन बताता है कि महिलाएं अपने अधिकारों के लिए जाग रही हैं.
यास्मीन सैय्यद ने कहा है कि कंपनी को जनसुनवाई में महिलाओं का आक्रोश देखने को मिलेगा.