चंद्रपुर : जिले में मादक पदार्थों की खेती, परिवहन, भंडारण और बिक्री को रोकने के लिए पुलिस विभाग और जिला प्रशासन सतर्क है. कलेक्टर विनय गौड़ा जी.सी. की अध्यक्षता में क्रियान्वयन व्यवस्था की समीक्षा की गयी.
मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक जॉनसन, पुलिस अधीक्षक रवींद्र सिंह परदेशी, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के अधीक्षक संजय पाटिल, पुलिस निरीक्षक महेश कोंडावर, शिक्षा अधिकारी (मध्य) कल्पना चव्हाण, केंद्रीय माल और सेवा कर विभाग अविनाश कुमार, सहायक अधीक्षक डाकघर अभिनव सिन्हा, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी शंकर तोतावार व अन्य उपस्थित थे.
इस समय कलेक्टर गौड़ा ने कहा, शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में नशीले पदार्थों का सेवन न हो. साथ ही, स्कूलों में नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के संबंध में विभिन्न जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की जानी चाहिए. इसकी मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. यह सुनिश्चित करना कि जिले में मौजूदा रासायनिक कारखानों में किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ का उत्पादन न हो. साथ ही जो फैक्ट्रियां बंद हैं उन पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं. सीसीटीवी का निरीक्षण, जिले में मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण कर दवा बिक्री की रिपोर्ट जांची. कृषि विभाग यह सुनिश्चित करे कि जिले में पोस्ता या गांजा की फसल की खेती नहीं हो. जिला कलक्टर ने सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि सहायकों एवं कार्मिकों से जानकारी ली जाये.
उन्होंने आगे कहा कि यदि डाक के माध्यम से आने वाले पार्सल में नशीले पदार्थ का संदेह हो तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस विभाग को देनी चाहिए. मादक पदार्थ रखने/इस्मा का लेन-देन करने वालों के संबंध में जानकारी एकत्रित कर उचित कार्रवाई की जाए. पुलिस विभाग को नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही, जिला कलेक्टर विनय गौड़ा ने निर्देश दिया कि पुलिस स्टेशन समय-समय पर मादक द्रव्य निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करें.