विधायक प्रतिभा धानोरकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से की मांग
चंद्रपुर : राज्य में जी.पी. 2019 और 2021 पदों के लिए आंतरिक भर्ती विज्ञापन प्रकाशित किया गया है. उक्त पद की भर्ती के लिए कई बेरोजगार उम्मीदवारों ने आवेदन किया और परीक्षा शुल्क का भुगतान किया. लेकिन, सरकार ने उक्त दोनों परीक्षाओं को रद्द कर दिया था. नतीजा ये हुआ कि बेरोजगार युवाओं ने सरकार से करोड़ों रुपए उधार ले लिए. विधायक प्रतिभा धानोरकर ने मांग की है कि सरकार कई बेरोजगार लोगों द्वारा भुगतान की गई परीक्षा फीस वापस करे. इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र भेजा है.
राज्य सरकार पर 33 करोड़ 39 लाख 45 हजार 250 रुपये की राशि बकाया है. जिला परिषदों की भर्ती के चलते बेरोजगारों ने सरकार का करोड़ों रुपए का कर्ज नहीं चुकाया है. कई बेरोजगार उम्मीदवारों ने भर्ती के लिए आवेदन किया और परीक्षा शुल्क का भुगतान किया. लेकिन सरकार ने उक्त दोनों परीक्षाओं को रद्द कर दिया था. लेकिन सरकार ने कई बेरोजगारों द्वारा भुगतान की गई परीक्षा फीस वापस नहीं की. वर्ष 2023 को समस्त जी.पी. स्नातक पद भर्ती विज्ञापन प्रकाशित हो चुका है, जिन बेरोजगार युवाओं ने वर्ष 2019 एवं 2021 में विभिन्न पदों के लिए परीक्षा शुल्क का भुगतान कर दिया है. उक्त युवाओं को समान परीक्षा शुल्क मानते हुए वर्ष 2023 की भर्ती में शामिल किया जाए. साथ ही विधायक प्रतिभा धानोरकर ने मांग की है कि जो अभ्यर्थी उम्र सीमा पार कर चुके हैं या परीक्षा नहीं देना चाहते हैं, उन्हें परीक्षा शुल्क तुरंत वापस किया जाए.
जिला परिषद के माध्यम से 2019 और 2021 भर्ती विज्ञापन के अनुसार विभिन्न पदों के लिए आवेदन किए गए थे. इन पदों के लिए परीक्षा अचानक रद्द होने से उम्मीदवारों को वित्तीय संकट में डाल दिया गया है. इन भर्ती विज्ञापनों पर हजारों बेरोजगार युवाओं की उम्मीदें टिकी थीं. कई उम्मीदवारों ने अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लगन से आवेदन किया और आवश्यक परीक्षा शुल्क का भुगतान भी किया, जो कुल मिलाकर काफी अधिक था. हालाँकि, उनकी उम्मीदें तब धराशायी हो गईं जब सरकार ने अप्रत्याशित रूप से दोनों परीक्षा प्रक्रियाओं को रद्द करने की घोषणा की. भर्ती रद्द करने के गंभीर परिणाम हुए, कई उम्मीदवारों ने परीक्षा शुल्क का भुगतान करने के लिए विभिन्न स्रोतों से बड़ी रकम ली. इस अप्रत्याशित वित्तीय बोझ ने उन्हें गहरे कर्ज में डुबो दिया है.
विधायक प्रतिभा धानोरकर ने पीड़ित उम्मीदवारों के अधिकारों के लिए कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर बेरोजगार उम्मीदवारों द्वारा भुगतान की गई परीक्षा फीस वापस करने की मांग की है. धनोरकर ने बेरोजगारों की स्थिति पर प्रकाश डाला है और रद्द की गई परीक्षाओं के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे युवाओं को मुआवजा देने की मांग की है.