आज का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। 8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की स्थापना हुई थी। इस दिन को हर वर्ष ‘वायुसेना दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, ताकि देश के वीर वायुसेनानियों के साहस, समर्पण और योगदान को सलाम किया जा सके।
भारतीय वायुसेना की स्थापना ब्रिटिश शासन के दौरान ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स’ के नाम से हुई थी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इसके नाम से “रॉयल” शब्द हटा दिया गया और इसे “भारतीय वायुसेना” कहा जाने लगा।
आज भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में से एक है, जिसके पास अत्याधुनिक लड़ाकू विमान, परिवहन विमान, हेलीकॉप्टर और मिसाइल सिस्टम हैं। कारगिल युद्ध, बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी अभियानों में वायुसेना ने अपनी दक्षता और पराक्रम का परिचय दिया है।
इस अवसर पर देशभर में एयरफोर्स स्टेशन पर भव्य परेड, हवाई करतब और शौर्य प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली-एनसीआर स्थित हिंडन एयरबेस पर होने वाला मुख्य समारोह पूरे देश का ध्यान आकर्षित करता है।
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य “नभः स्पृशं दीप्तम्” (आकाश को छूने वाला तेज) है, जो गीता से लिया गया है और वायुसेना के पराक्रम, अनुशासन और आकाशीय शक्ति का प्रतीक है।
आज के दिन हम सभी को उन वीर जवानों को नमन करना चाहिए, जो आसमान की ऊंचाइयों पर देश की सुरक्षा का भार संभालते हैं।





