आज ही के दिन, 23 मई 1984 को इतिहास रचा गया था। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर कदम रखकर बछेंद्री पाल ने न सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल की, बल्कि भारत के लिए भी गर्व का क्षण बनाया। वह एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
उत्तराखंड के एक छोटे से गांव से निकलकर बछेंद्री पाल ने अपने हौसले, दृढ़ संकल्प और साहस से यह साबित कर दिया कि कोई भी सपना बड़ा नहीं होता। 8,848 मीटर ऊंचे एवरेस्ट की खतरनाक चढ़ाई को पार कर उन्होंने महिलाओं के लिए एक नई राह खोली।
उनकी इस सफलता ने भारत में पर्वतारोहण के क्षेत्र में एक नई प्रेरणा जगाई और लाखों महिलाओं को अपने सपनों को साकार करने की ताकत दी। बछेंद्री पाल को बाद में पद्म श्री और अन्य कई राष्ट्रीय सम्मानों से नवाज़ा गया।
आज उनके इस साहसिक कारनामे की 41वीं वर्षगांठ है और यह दिन हमें याद दिलाता है कि अगर हौसला बुलंद हो तो दुनिया की कोई भी ऊंचाई पाई जा सकती है।