घुग्घुस (चंद्रपुर) : शहर और आसपास के क्षेत्रों में रेत व्यापार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में ट्रैक्टर चालक, मजदूर और छोटे रेत कारोबारी कानूनी शिकंजे में आ सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, अप्रैल के अंतिम दिनों और मई की शुरुआत में कुछ महत्वपूर्ण रेती घाटों की नीलामी होने वाली है, जिसमें क्षेत्र के रसूखदार नेता और उनके नजदीकी लोग टेंडर भरने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
इस बार रेत व्यापार में बड़े बदलाव की संभावना है। जहां पहले ट्रैक्टरों से रेत की ढुलाई और मजदूरों द्वारा लोडिंग होती थी, वहीं अब मशीनों से लोडिंग, हाईवा और टिप्पर जैसे भारी वाहनों का इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आ रही है। इसके अलावा, रेत की ट्रांसपोर्टिंग कई किलोमीटर दूर तक की जाएगी, जिससे छोटे रेत कारोबारी सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं।
सोमवार, 28 अप्रैल को कुछ रेत कारोबारियों द्वारा संबंधित सरकारी कार्यालयों में की गई विजिट और उसके बाद शाम को शहर के कई चौक-चौराहों पर हुई चर्चाओं ने लोगों को चौंका दिया। इन चर्चाओं में यह अंदेशा जताया जा रहा है कि अब रेत के कारोबार पर चंद बड़े चेहरे और उनके समर्थक ही कब्जा जमाएंगे, जिससे छोटे रेत माफिया खत्म हो जाएंगे और बड़े माफियाओं का दबदबा बढ़ेगा।
स्थिति को देखते हुए कई सवाल खड़े हो रहे हैं—क्या यह सबका साथ, सबका विकास है या केवल कुछ खास लोगों का खुदका विकास? क्या इस बदलाव से क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक असंतुलन उत्पन्न होगा? क्या आने वाले समय में कोई बड़ी अनहोनी या संघर्ष की स्थिति सामने आएगी?
इन सवालों के जवाब तो आने वाला समय ही देगा, लेकिन फिलहाल रेत कारोबार से जुड़े हर व्यक्ति की नजरें इस पूरे घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं।