नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जारी विवाद पर बयान देते हुए कहा कि कुछ लोग इसे असंवैधानिक बताकर भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ नियम आजादी से पहले से ही अस्तित्व में हैं और यह विधेयक किसी भी प्रकार से असंवैधानिक नहीं है।
रिजिजू ने कहा, “अगर वक्फ अधिनियम आजादी से पहले से लागू है, तो यह अवैध कैसे हो सकता है? कुछ लोग भोले-भाले मुसलमानों को यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि सरकार उनकी संपत्ति और अधिकार छीनने जा रही है। यह पूरी तरह से झूठी अफवाह है, जो समाज और राष्ट्र के लिए बेहद हानिकारक है।”
उन्होंने अपील की कि लोग उन नेताओं को पहचानें जो गलत जानकारी फैला रहे हैं। रिजिजू ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का जिक्र करते हुए कहा, “जिस तरह CAA के दौरान देश को गुमराह किया गया, उसी तरह अब वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भी भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं।”
मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत में अल्पसंख्यक समुदाय पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्हें स्वतंत्रता के सर्वश्रेष्ठ अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने कहा, “भारत में अल्पसंख्यकों को जितनी सुरक्षा और स्वतंत्रता प्राप्त है, वह किसी अन्य देश में नहीं है।”
सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्षी दलों और कुछ सामाजिक संगठनों ने विरोध जताया है, लेकिन सरकार का दावा है कि इस विधेयक का उद्देश्य पारदर्शिता और बेहतर प्रशासनिक नियंत्रण सुनिश्चित करना है।