Need strict action at illegal liquor shops in Ghughus city
घुग्घुस शहर में सुबह 5:00 बजे से अवैध रूप से चल रही शराब की दुकानों को लेकर स्थानीय नागरिकों में भारी नाराजगी है. कई बार इन दुकानों के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन एक्साइज विभाग की ओर से केवल दिखावटी कार्रवाई की जाती रही है. अधिकारियों की यह ढुलमुल नीति कई गंभीर प्रश्न खड़े कर रही है. जब तक इन दुकानों पर ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक अवैध शराब का कारोबार यूं ही फलता-फूलता रहेगा.
चंद्रपुर की घटना से सबक लेना जरूरी
हाल ही में चंद्रपुर में हुई भयावह घटना ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया. मामूली विवाद ने एक गंभीर रूप धारण कर लिया, जिसमें जनता की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले एक कर्मचारी की जान चली गई. यह बेहद दुखद घटना है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि शराब से जुड़े विवादों के कारण कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है. यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सकती है.
सख्त नियमों की जरूरत
अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने और शराब से जुड़े विवादों को कम करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है.
1. शराब की दुकानों के समय में सुधार
देशी शराब, बियर बार, वाइन बार और शराब की अन्य दुकानों के संचालन का समय निश्चित किया जाना चाहिए.
सुबह 10:00 बजे के बाद ही दुकानें खोली जाएं और रात 8:00 बजे तक इन्हें बंद करने का सख्त निर्देश दिया जाए.
रात में चलने वाले अवैध शराब के ठिकानों पर विशेष निगरानी रखी जाए.
2. अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों की पहचान
अवैध शराब कारोबार में संलिप्त लोगों की पहचान कर उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
स्थानीय प्रशासन को इन गतिविधियों की गुप्त रूप से जांच करनी चाहिए और दोषियों पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए.
3. ड्रंक एंड ड्राइव पर सख्ती
नशे में वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
पुलिस को हर महत्वपूर्ण जगह पर नाकेबंदी कर जांच करनी चाहिए, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके.
4. गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
शराब की दुकानों में बिकने वाले उत्पादों पर ISI ट्रेड मार्क और अन्य गुणवत्ता मानकों को अनिवार्य किया जाए.
घटिया और नकली शराब बेचने वालों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए.
5. लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई
नियमों का पालन न करने वाले और बार-बार कानून तोड़ने वाले दुकानदारों का लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाए.
एक्साइज विभाग को इस मामले में कठोर रवैया अपनाने की जरूरत है, ताकि अवैध शराब माफिया पर नकेल कसी जा सके.
जनता की सुरक्षा सर्वोपरि
सरकार और प्रशासन का पहला कर्तव्य जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है. शराब के कारण बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सख्त नियम और ठोस कार्रवाई बेहद जरूरी है. घुग्घुस और आसपास के इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन सुझावों को लागू किया जाना चाहिए. जब तक प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता, तब तक अवैध शराब का काला कारोबार बंद नहीं होगा. समय रहते यदि उचित कदम उठाए गए, तो भविष्य में कई अनहोनी घटनाओं को रोका जा सकता है.
अब समय आ गया है कि घुग्घुस शहर में अवैध शराब के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए!