चंद्रपुर : 19 सितंबर से शुरू हुआ गणेशोत्सव अनंत चतुर्दशी यानी 28 सितंबर को अलविदा कह रहा है, लेकिन चूंकि उसी दिन ईद-ए-मिलाद का त्योहार भी है, इसलिए किसी को भी किसी भी तरह के बैनर, स्वागत द्वार, तोरणद्वार, झंडे नहीं लगाने चाहिए. उस दिन किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए चंद्रपुर नगर निगम की ओर से ऐसी अपील की जा रही है.
शहर में गणेशोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, स्थापना से शुरू हुआ उत्साह विसर्जन के दिन पर है. विसर्जन यात्रा में करीब एक लाख लोगों के शामिल होने के कारण शहर की सड़कों पर खड़े होने तक की जगह नहीं है. विसर्जन जुलूस के दौरान शहर के प्रमुख चौराहों, दर्शनी मार्ग, महात्मा गांधी रोड से पठानपुरा गेट से जटपुरा गेट, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर प्रतिमा तक बड़े गणेश मंडल, राजनीतिक, सामाजिक दल, धर्मार्थ संगठन शामिल होते हैं. बिनबा गेट, अंकलेश्वर गेट से गांधी चौक और कस्तूरबा रोड तक मार्गों और क्षेत्र में झंडे, तोरण, विद्युत प्रकाश व्यवस्था, स्वागत द्वार, मेहराब, होर्डिंग, बैनर, पोस्टर लगाए जाते हैं.
इस साल मुस्लिम समुदाय का त्योहार ईद-ए-मिलाद भी मनाया जा रहा है, इसलिए दोनों त्योहार एक ही दिन आ रहे हैं. जैसा कि दोनों त्योहारों में जुलूस निकालने की प्रथा है, दोनों समुदायों द्वारा झंडे, तोरण, बिजली की रोशनी, स्वागत द्वार, मेहराब, होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर लगाए जाते हैं. चूंकि दोनों त्यौहार एक ही दिन हैं, इसलिए आकस्मिक रूप से टूटने, आंशिक क्षति, झंडे, तोरण, मेहराब, होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर आदि के नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
इस प्रकार के कृत्यों से कानून एवं व्यवस्था भंग होने की संभावना होने के कारण 28 सितंबर को सभी प्रकार के झंडे, तोरण, विद्युत प्रकाश व्यवस्था, स्वागत द्वार, मेहराब, होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है तथा उक्त प्रतिबंध महत्वपूर्ण है सामाजिक समरसता की दृष्टि से नागरिकों से इसमें सहयोग करने का अनुरोध किया गया है. यह चंद्रपुर नगर निगम प्रशासन द्वारा किया जा रहा है.