मुंबई : पिछले कुछ दिनों में राज्य के कला केंद्रों में कम उम्र की लड़कियां पाई गई हैं. इसलिए कला केंद्रों की मान्यता को लेकर सख्त नियम बनाने की जरूरत है. साथ ही विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने कला केंद्रों पर नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय समिति बनाने का निर्देश दिया.
कला केन्द्र में नाबालिग लड़कियों की खोज की पृष्ठभूमि में उनके पुनर्वास, उपाय एवं अपहृत नाबालिग लड़कियों एवं महिलाओं की खोज के संबंध में उपसभापति डाॅ. गोर्हे ने विधान भवन से टेलीविजन प्रणाली के माध्यम से पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. वह उस समय बात कर रही थी. बैठक में वन, सांस्कृतिक मामलों और मत्स्य पालन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भाग लिया. साथ ही गृह विभाग के प्रधान सचिव अनुप कुमार, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के आयुक्त डॉ. प्रशांत नारनवरे आदि उपस्थित थे.
डाॅ. गोर्हे ने कहा कि राज्य में कला केंद्रों में नाबालिग लड़कियों का मिलना बेहद गंभीर मामला है. इन लड़कियों को बचाने और फिर शिक्षित करने की जरूरत है. साथ ही ऐसे कला केंद्रों को मंजूरी देने और चलाने के लिए नीतिगत बदलाव के लिए एक मसौदा सरकार को सौंपा जाएगा. उसके लिए पुलिस विभाग को एक ड्राफ्ट तैयार करना चाहिए. इसमें ऐसे कला केंद्रों पर नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी बनाने का निर्देश सरकार को दिया जायेगा. इस कमेटी में तहसीलदार, जिला श्रम अधिकारी, पुलिस अधिकारी और मानव तस्करी पर काम कर रहे सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल करने का मसौदा सरकार को दिया जाएगा. अपहृत नाबालिग लड़कियाँ एवं महिलाएँ दोबारा न मिलें, इसके लिए एक निश्चित कार्यक्रम बनाना भी आवश्यक ह. इसके लिए उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण तथा सामाजिक न्याय विभाग की जिम्मेदारी तय करने की जरूरत बतायी.




