मुंबई : भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं में नागरिकों की जान बचाना और उनका पुनर्वास करना सरकार का पहला कर्तव्य है. इस हेतु यदि आउट ऑफ वे कार्य करने का समय हो तो कलेक्टर को निर्णय लेना चाहिए. जनहित के हर कार्य में सरकार आपके साथ है. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने 26 जुलाई को राज्य स्तरीय संभागीय आयुक्तों और कलेक्टरों की बैठक में आश्वासन दिया कि आपदा राहत और बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिए धन की कमी नहीं होगी. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य के सभी जिला कलेक्टर सतर्क रहें और बाढ़ की स्थिति को लेकर काम करें.
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने वीडियो संचार प्रणाली के माध्यम से संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों से राज्य में भारी बारिश, बाढ़ और सूखे की स्थिति की समीक्षा की. आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल, मुख्य सचिव मनोज सौनिक, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन करीर, राहत और पुनर्वास विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता, आपदा नियंत्रण कक्ष के निदेशक आप्पासो धुलाज, आपदा नियंत्रण कक्ष के उप सचिव डॉ. श्रीनिवास कोतवाल विधायक संजय कुटे उपस्थित थे.