माँ बनी अंगणवाडी ताई… बच्चों को पढ़ाया अ आ इ ई…
राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर पूरे महीने विभिन्न कार्यक्रमों की मेजबानी की गई – मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता महापात्रा
अमरावती : ‘राष्ट्रीय पोषण महा’ के अवसर पर पूरे माह महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. इस वर्ष भी महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं. इसमें ‘माता बाणल्या आंगनवाड़ी ताई,.बच्चों को अ आ इ ई…’ पहल के तहत गांव की माताओं ने आंगनवाड़ी केंद्र में जाकर बच्चों से बातचीत की. कुछ माँएँ बच्चों को गाना सिखाती थीं, कुछ मिट्टी के बर्तन बनाना सिखाती थीं और कुछ पढ़ना-लिखना सिखाती थीं. इसलिए बच्चे नई आंगनवाड़ी ताई से मिलकर खुश हुए.
इस वर्ष मुख्य रूप से राष्ट्रीय पोषण महा के अवसर पर एनीमिया को कम करना, बच्चों के बढ़ते वजन को मापना, बच्चों को उचित आहार खिलाना, पोषण भी और शिक्षा, प्रौद्योगिकी परिचय और समग्र पोषण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर राष्ट्रीय पोषण महा के तहत गतिविधियाँ की जाएंगी. इसके तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के अमरावती संभाग के माध्यम से महीने भर के कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है. इनमें एक पेड मां के नाम, हजारों दिन फास्ट बैंड मूवमेंट, हाट बाजार, इलेक्ट्रॉनिक फास्टिंग, अक्षय पात्र और मटका फ्रीज, माताओं की पाक कला प्रतियोगिता, खाद्य साक्षरता, मेलघाटा के लिए एक दिन, मां-बाल संयुक्त योग, मासिक धर्म प्रबंधन समय की आवश्यकता, शामिल हैं. पोषण पर चर्चा, जन प्रतिनिधि दिवस, बुजुर्गों का जन्मदिन, नवविवाहितों की काउंसलिंग, दादी-नानी की आंगनवाड़ी पर सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है और ये कार्यक्रम पूरे महीने लागू किए जाएंगे.
इस गतिविधि में गांव की माताओं ने आंगनवाड़ी ताई के बजाय आंगनवाड़ी ताई बनकर बच्चों को पढ़ाया और बच्चों के चेहरे पर एक अलग ही खुशी नजर आई. साथ ही बच्चे नई चीजें सीखने के लिए उत्साहित दिखे. कुछ माँएँ बच्चों के लिए खाना भी लेकर आईं जिससे बच्चे और भी खुश हो गए. उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. कैलास घोडके ने अभिभावकों से राष्ट्रीय पोषण दिवस के अवसर पर क्रियान्वित होने वाली विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने की अपील की है.
“महिला एवं बाल विकास विभाग ने राष्ट्रीय पोषण दिवस के अवसर पर बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाले कार्यक्रमों की योजना बनाई है. इन कार्यक्रमों को आंगनवाड़ी ताई के माध्यम से लागू किया जाएगा और गांव के माता-पिता, युवाओं, स्वयंसेवी संगठनों, स्कूलों, कॉलेजों को भी इस कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए और राष्ट्रीय पोषण दिवस को भव्य तरीके से मनाएं.”