घुग्घुस : उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में हुई हिंसा या आगजनी में आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार और हत्या की कई परेशान करने वाली घटनाएं सोशल मीडिया पर सामने आई हैं. दिल में दर्द और घटना शर्मनाक है. कार्रवाई करो और दोषियों को सजा दो, इस मांग को लेकर मणिपुर में ईसाई धर्म के पादरी फेलोशिप की ओर से एक मार्च का आयोजन किया गया. रैली सुबह 11 बजे न्यू अपोस्टोलिक चर्च से प्रार्थना और नारों के साथ निकाली गई.
देश में अमन-चैन के लिए जगह-जगह प्रार्थना, वंदन और राष्ट्रहित के नारे लगाए गए. यह मार्च वणी घुग्घुस मेन रोड, राजीव रतन चौक, चांदनी नगर, छत्रपति शिवाजी चौक, चौधरी पेट्रोल पंप, पुलिस स्टेशन, नगर परिषद, गांधी चौक, डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर प्रतिमा होते हुए तहसील कार्यालय पर समाप्त हुआ.
इस दौरान मणिपुर में सुरक्षा और प्रमुख मांगों को लेकर घुग्घुस थाना निरीक्षक आसिफ रजा शेख और नायब तहसीलदार जीतेंद्र गादेवार को ज्ञापन सौंपा गया. चंद्रपुर के कलेक्टर के माध्यम से भारत सरकार को दिए गए ज्ञापन में राष्ट्रपति से इस पर रोक लगाने को कहा गया. मणिपुर में महिलाओं की हिंसा, हत्या, उत्पीड़न आदि.
उक्त ज्ञापन सौंपने के समय पादरी फेलोशिप के अध्यक्ष प्रभाकर कंडे, उपाध्यक्ष जान आनंद गुंडेटी, सचिव श्रीनिवास येमुला, कोषाध्यक्ष संदीप आरमुला, राजेश रामील्ला, विजय आर्णकोडा, मार्कस खांडेकर, नेहेमीया नगराले, स्टिफन सुदेला, बंटी अड्डुर, महेश राजपंडे, अनुग्रह मायकल, प्रितम तेलंग, रूबेन तकल्ला, स्टिफन सुंदर, भारत, ईसाई, सभी धर्मों के असंख्यक लोग उपस्थित थे.