घुग्घुस : कोयला खनन परियोजना प्रभावित संघर्ष समिति, (वणी क्षेत्र और उत्तरी क्षेत्र), वणी के अनिल तेलंग (मुख्य संयोजक), रूपेश ठाकरे (संयोजक), तेज प्रकाश (सह संयोजक), पूर्व सरपंच चंदू पिंपलकर आधी ने यवतमाल के कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंप. जिसमें लिखा गया की मौजा साखरा बस स्टॉप से कोलगांव फाटा 3 किलोमीटर तक W.C.L द्वारा यात्री एवं माल ढुलाई सड़क का निर्माण किया गया. एवं मौजा कोलगांव से शिंदोला तक पी.डब्लू.डी. 12 किमी का रोड निर्माण किया. जो सड़क यात्रियों और माल यातायात के लिए खतरनाक है, इसलिए 20 जुलाई 2023 से कोलगांव, पैनगंगा पुलिया के पास अनिश्चित काल तक कोयला ट्रांसपोर्टर रोको विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं. इस संदर्भ में ग्राम पंचायत मुंगोली ने एक बैठक (दिनांक 19.06.2023) आयोजित करने के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, वणी को एक ज्ञापन भी दिया था.
मुंगोली, नकोडा के वर्धा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त है इसलिए इस पुल पर केवल दोपहिया वाहनों का आवागमन चल रहा है. इसलिए कोयला परिवहन को शिंदोला रोड से डायवर्ट किया गया है. जो मुंगोली, कोलगांव और पैनगंगा के खुले खदानों से सखारा, कोलगांव, शिंदोला, चारगांव चौकी के मार्ग से घुग्घुस व वणी तक कोयला परिवहन जारी है.
जो साखरा बस स्टॉप से कोलगांव फाटा तक 3 किमी सड़क डब्ल्यू.सी.एल द्वारा बनाई गई थी और शेष 12 किमी सड़क (पी.डब्ल्यू.डी.) लोक निर्माण उपविभाग वणी द्वारा 15-20 साल पहले बनाई गई थी. यह पूरी सड़क 18-20 टन से अधिक भार उठाने की क्षमता के लिए नहीं है. हालाँकि, इस सड़क पर 3 खदानो की कोयला परिवहन ट्रकों से की जा रही है, इसलिए सड़क में पूरी तरह से गड्डे हो गई और सड़क धूल से भर गई है. इस सड़क पर दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया और मालवाहक वाहन चलाना खतरनाक हो गया है और इससे दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ी है.
घुग्घुस-वणी बाजार और अस्पताल और एजुकेशन सुविधाओं से युक्त शहर है, इसलिए प्रशासनिक और निजी काम के लिए जाने वाले नागरिकों की संख्या भी उतनी ही अधिक है. इनमें रोजाना 300-400 ट्रकों की कोयला ढुलाई ने आम लोगों की जान को खतरे में डाल दिया है.