मुंबई : दुग्ध उत्पादक किसानों को दूध का अधिकतम मूल्य मिले इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है और विभाग ने पूर्व में भी प्रयास किये हैं. राजस्व, पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने राज्य के प्रमुख सहकारी समितियों और निजी दूध संघों से दूध उत्पादक किसानों को न्याय देने के लिए पहल करने की अपील की.
राज्य में दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं को लेकर सह्याद्री गेस्ट हाउस में राज्य स्तरीय बैठक हुई. इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ, पूर्व राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत, डाॅ. अजित नवले, महाराष्ट्र राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्या. (महानंद) मुंबई के अध्यक्ष राजेश परजाने पाटिल और रयत क्रांति एसोसिएशन के पदाधिकारी, पशुपालन और डेयरी विकास विभाग के सचिव तुकाराम मुंडे, पशुपालन आयुक्त डॉ. हेमंत वसेकर, डेयरी व्यवसाय विकास आयुक्त अजीत पवार, खाद्य एवं औषधि प्रशासन आयुक्त अभिमन्यु काले, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड प्रभाग प्रमुख और राज्य के प्रमुख सहकारी और निजी दूध संघों के प्रतिनिधि, पशु चारा निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
मंत्री विखे पाटिल ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रही है कि दूध उत्पादक किसानों के दूध को सही कीमत मिले. फिलहाल दूध में मिलावट रोकने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. यदि दूध में मिलावट रोकी जाए तो दूध उत्पादक किसानों को अधिक कीमत देना संभव हो सकेगा. दूध की गुणवत्ता बनाए रखना बहुत जरूरी है. दूध एवं दूध से बने उत्पादों में मिलावट रोकने के लिए अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिलेवार समिति का गठन किया जा रहा है और उनके माध्यम से निरीक्षण के बाद दूध में मिलावट करने वालों और मिलावटी दूध खरीदने वाली संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है.
मीलोमीटर और तराजू में त्रुटियों के बारे में तत्काल कार्रवाई के लिए नाप-तौल विभाग को सूचित किया जाएगा. दूध की गुणवत्ता 3.5 फैट और 8.5 एसएनएफ से बढ़ाकर 3.2 फैट और 8.3 एसएनएफ करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे, दूध पाउडर के निर्यात के संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा. मंत्री ने पशुधन को लागत प्रभावी दरों पर गुणवत्तापूर्ण पशु चारा उपलब्ध कराने के लिए आयुक्त, पशुपालन की अध्यक्षता में एक सर्व-समावेशी पशु चारा गुणवत्ता और मूल्य समन्वय समिति का गठन किया है. विखे पाटिल ने कहा.
इस अवसर पर राज्य की प्रमुख सहकारी समितियों एवं निजी दुग्ध संघों के प्रतिनिधियों तथा प्रमुख पशु आहार निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों ने दुग्ध व्यवसाय से संबंधित समस्याओं के बारे में बताया.