पुणे : 27 से 29 अगस्त 2023 तक महाराष्ट्र स्टेट विटीकल्चर एसोसिएशन एमआरडीबीएस के वार्षिक सेमिनार और अंगूर सम्मेलन का उद्घाटन समारोह आज पुणे के वाकड क्षेत्र में होटल टिप टॉप इंटरनेशनल में संपन्न हुआ. इस दौरान उपस्थित लोगों से बातचीत का मौका मिला.
अंगूर उगाने वाला किसान बहुत मेहनती होता है. अत: उनके जीवन स्तर में भी सुधार होना चाहिए. संगठन और संगठन की मेहनत का कोई अंत नहीं है. इस संगठन का जन्म 1960 में बारामती में हुआ था. यह स्थापित किया गया कि कुछ लोग एक साथ आते हैं. कई लोग कई संस्थाओं में काम कर रहे थे. यह संगठन अंगूर की फसल से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान के लिए अस्तित्व में आया. राज्य में कई जगहों से लोग जुटे. इस संगठन के 35 हजार सदस्य हैं. यह संस्थान केंद्र राज्य सरकार की नीति और अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है.
प्रदेश एवं देश में अनेक फसल संघ हैं. उत्तर में सेब की फसल का संगठन है. दक्षिण में नारियल एसोसिएशन है. कई राज्यों में कृषि का मार्गदर्शन करने के लिए कई संगठन भी हैं. लेकिन मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारा संगठन ही एकमात्र ऐसा संगठन है जो पिछले 60 वर्षों से हमारे साथ है. अपनी समस्याएं केंद्र और राज्य सरकार को बताएं. हमारी संस्था शोध के लिए लगातार जागरूक रहती है. आपने इसे बरकरार रखा है.
उन्होंने अंगूर प्रदर्शनी का निरीक्षण करते हुए मार्गदर्शन भी किया. राज्य सरकार को सलाह दी. अंगूर उत्पादकों को भी सब्सिडी मिलनी चाहिए और राज्य सरकार को इसकी समीक्षा करनी चाहिए. सरकार को कुल क्षेत्रफल और फसल का ध्यान रखना चाहिए. वह रिकॉर्ड कई कार्यों का मार्ग प्रशस्त करेगा. सरकार को बारिश से इन फसलों के नुकसान पर भी गौर करना चाहिए. भारी बारिश से भारी नुकसान हुआ है. किसानों को इस संकट से बाहर निकालना है. अंगूर की फसल के नुकसान की स्थिति में राज्य सरकार को कम से कम 50% सब्सिडी प्रदान करने की आवश्यकता है.
इस अवसर पर शरद पवार ने संघ के सभी प्रमुख सदस्यों और अंगूर उत्पादकों तथा अन्य उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र राज्य अंगूर उत्पादक संघ की भी सराहना की.