ठेकेदार व पुलिस की बड़ी लापरवाही
घुग्घुस पुलिस, ठेकेदार ट्रांसपोर्टरों की सेवा में लगे हैं. तो घुग्घुस के नागरिकों को बिना सुरक्षा के आवाजाही करनी पड़ रही है.
अधीक्षक ने कागजों पर ही लगाई रोक और पुलिस और ठेकेदार बने ट्रांसपोर्टरों के लिए मसीहा…
चंद्रपुर/घुग्घुस : घुग्घुस शहर में 2022 से रेलवे ब्रिज का काम चल रहा है. एक प्राइवेट कंपनी बहुत तेजी से क्षेत्र में काम कर रही है. हालांकि सुरक्षा नियम कागजों पर नजर आ रहे हैं. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिसका नमूना आज क्षेत्र में देखा और चर्चा किया जा रहा है. क्योंकि क्षेत्र में आज शनिवार दिनांक 05/10/2024 को वेल्डिंग की चिंगारी से एक नाबालिग छात्र का हाथ जला. जिसमें बच्चे के हाथ में मामूली रूप से छाले आई, चिंगारी गिरने से कपड़ों में भी छेद हुई. पीड़ित युवक का नाम अर्विक धीरज ढोके (10 वर्ष) है, घटना सुबह 10.30 बजे पेरेंट मीटिंग से लौटते समय की है. घटना के वक्त वाहन पर दो छोटे बच्चे और पति-पत्नी थे.
सूत्रों के अनुसार जिला पुलिस अधीक्षक सुदर्शन मुमक्का आदेश तो देते है. लेकिन उन आदेश का प्रतिबंधित क्षेत्र में कोई असर नहीं दिख रहा है. क्योंकि उन्ही के पुलिस कर्मचारी और ठेकेदार के कर्मचारी आदेशों की खुले आम अवहेलना करते नजर आ रहे हैं. पुलिस अधीक्षक द्वारा भरी वाहनों की यातयात के लिए जिस रास्ते का विकल्प दिया है. परंतु घुग्घुस पुलिस और कुछ ठेकेदार के कर्मचारी ट्रांसपोर्टरों के लिए मसीहा बन कर खड़े है. और जिस रास्ते पर पुलिस अधीक्षक द्वारा रोक लगाई गई थी उन रास्तों से भारी वाहनों की यातयात शुरू है. मीडिया में खबर छपने पर भी पुलिस अधीक्षक की नजरंदाजी लोगों की पहुंच से परे है. वास्तव में, प्रतिबंधित क्षेत्र के अधिकारी और कर्मचारी लोगों की सुरक्षा के लिए हैं? या किसी बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण दे रहे हैं? नेता इस अवैध परिवहन और कंस्ट्रक्शन का समर्थन कर रहे हैं? अब ऐसे कई सवाल निर्माण हो रही है.